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बीएससी सेमेस्टर-1 जन्तु विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2657
आईएसबीएन :0

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बीएससी सेमेस्टर-1 जन्तु विज्ञान

प्रश्न- समसूत्री कोशिका विभाजन का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए तथा समसूत्री के महत्व पर एक टिप्पणी लिखिए।

अथवा
सूत्री विभाजन का विस्तृत वर्णन कीजिए। यह अर्धसूत्रीय विभाजन से किस प्रकार भिन्न है?

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. समसूत्री कोशिका विभाजन की विभिन्न अवस्थाओं को दर्शाते हुए केवल चित्र बनाइये।
2. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए-
(i) माइटोसिस (समसूत्री) विभाजन
(ii) मेटाफेज तथा एनाफेज
(iii) टीलोफेज
(iv) माइटोसिस का महत्व |
(v) पूर्वावस्था

उत्तर -

समसूत्री कोशिका विभाजन अथवा कैरियोकाइनेसिस
(Mitosis Cell Division or Karyokinensis)

एक कोशिका से उसी तरह की संतति कोशिकाओं के बनने को कोशिका जनन या विभाजन कहते हैं। समसूत्री कोशिका विभाजन सोमेटिक कोशिकाओं (दैहिक कोशिकाओं) में सम्पन्न होता है अतएव इसे सोमेटोजेनेसिस (somatogenesis) भी कहते हैं। समसूत्री कोशिका विभाजन की लगातार चलने वाली प्रक्रिया चार भागों में विभाजित है- विभाजन से पूर्व कोशिका को विश्रामकालीन कोशिका कहते हैं। दो प्रकार के विभाजन के मध्य के काल को इन्टरफेज (interphase) कहते हैं। विश्राम की अवस्था में कोशिका के अन्दर न्यूक्लिअर आवरण युक्त एक केन्द्रक रहता है। केन्द्रक के अन्दर क्रोमेटिन का जाल होता है। कोशिकाद्रव्य में सेन्ट्रिओल नामक एक कोशिका विभाजन का केन्द्र होता है।

1. पूर्वावस्था (Prophase) : सर्वप्रथम सेन्ट्रिओल दो भागों में विभक्त हो जाता है तत्पश्चात् सेन्ट्रोसोम (centrosome) का विभाजन होता है। इसी समय केन्द्रक में स्थित क्रोमेटिन दिखाई देने लगता है जो एक लम्बे मुलायम घुमावदार के परस्पर ऐंठे हुए धागे की तरह होता है। यह कुछ समय बाद निर्दिष्ट एवं विशिष्ट छोटे बंटे हुए धागों में विभाजित हो जाते हैं। इस प्रावस्था गुणसूत्र आकार में छोटे तथा मोटे हो जाते हैं। कोशिका के ध्रुवों की तरफ सेन्ट्रिओल का विषरीत दिशाओं में पलायन हो जाता है तथा सेन्ट्रोसोम महीन एस्ट्रल किरणें बनाता है जो सेन्ट्रिओल से निकलती हैं। गुणसूत्र स्पष्ट दिखाई देने लगते हैं। प्रत्येक गूणसूत्र दो प्रकार के धागों द्वारा बनता है जिन्हें क्रोमेटिड्स कहते हैं। यह एक-दूसरे के निकट लम्बवत् रूप से सम्बन्धित रहते हैं। गुणसूत्र एक बिन्दु पर परस्पर सम्बन्धित रहते हैं जिसे सेन्ट्रोमियर कहते हैं। गुणसूत्रों का द्विगुणन प्रत्येक गुणसूत्र के एकदम सही प्रतिरूपण द्वारा होता है। स्टेनिंग के उपरान्त क्रोमेटिड्स गहरे तथा हल्के रंग के भागों को प्रदर्शित करते हैं। गहरे रंग के भाग क्रोमोमियर्स हैं जिनमें न्यूक्लियोप्रोटीन के अति सूक्ष्म कणों का समावेशन होता है, जिन्हें जीन्स कहते हैं। जीन्स ही जैविक इकाइयाँ हैं जिनके द्वारा आनुवंशिक गुण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचते हैं। न्यूक्लिओलस सूक्ष्माकार होकर विलुप्त हो जाता है तथा न्यूक्लिअर झिल्ली भी क्रमशः विलुप्त हो जाती है जिसके कारण न्यूक्लिओप्लाज्म निकल आता है तथा केन्द्रक के पूर्व स्थान पर स्पिन्डल का निर्माण करता है। माइटोकॉण्ड्रिया अत्यन्त सक्रिय हो जाता है। एस्टर्स तथा स्पिन्डिल अब स्थानान्तरित होकर कोशिका के मध्य में आ जाते हैं। यह परिवर्तन पूर्वावस्था की अन्तिम अवस्था में होते हैं।

 

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समसूत्री कोशिका की विभिन्न अवस्थाओं का रेखाचित्र

2. मध्यावस्था (Metaphase) : इस प्रावस्था में क्रोमेटिड्स स्पष्ट हो जाते हैं। गुणसूत्र स्पिन्डिल के ध्रुवों की ओर चले जाते हैं। गुणसूत्रों के क्रोमेटिड्स परस्पर स्पिन्डिल रेशों द्वारा सेन्ट्रीमियर से सम्बन्धित हो जाते हैं। यही सूक्ष्मकालीन मध्यावस्था अवस्था समाप्त होती है।

3. पश्चावस्था (Anaphase) : इस प्रावस्था में प्रत्येक गुणसूत्र का सेन्ट्रोमियर दो भागों में विभाजित होकर दो सेन्ट्रोमियर्स का निर्माण करता है। प्रत्येक नवनिर्मित सेन्ट्रोमियर अपने-अपने क्रोमेटिड्स के साथ पृथक् हो जाते हैं। क्रोमेटिड्स विपरीत ध्रुवों की ओर चले जाते हैं तथा 'U' अथवा 'V' आकार में स्पिन्डिल से सम्बद्ध हो जाते हैं।

4. अंत्यावस्था (Telophase) : गुणसूत्रों के क्रोमेडिट्स परस्पर पृथक् होकर स्पिन्डिल के ध्रुवों की ओर स्थानान्तरित होकर सेन्ट्रिओल के निकट समूह बना लेते हैं और नवनिर्मित सेन्ट्रोमियर क्रमशः लुप्त होने लगते हैं तथा घुमाव खुलने लगता है। गुणसूत्रों के प्रत्येक समूह को न्यूक्लिअर झिल्ली का आवरण ढक लेता है तथा दो न्यूक्लिआई निर्मित होते हैं। न्यूक्लिओलस का पुनः निर्माण प्रत्येक केन्द्रक में प्रारम्भ हो जाता है। स्पिन्डिल तथा एस्टर्स विलुप्त हो जाते हैं। सेन्ट्रिओल्स उपस्थित रहते हैं। नवनिर्मित गुणसूत्र धीरे-धीरे लुप्त होकर इन्टरफेज की स्थिति में आ जाते हैं। कोशिकाद्रव्य के विभाजन, कोशिका भित्ति के खाँचे का विस्तार बढ़कर एक से दो कोशिकाओं का निर्माण कर देता है। इस प्रकार साइटोकाइनेसिस की क्रिया सम्पन्न होती है। दोनों छोटी पुत्री कोशिकायें वृद्धि करके पूर्ण विकसित हो जाती हैं। कोशिका विभाजन की सम्पूर्ण क्रिया लगभग 15 मिनटों में पूर्ण हो जाती हैं परन्तु कुछ प्रजातियों की कोशिका विभाजन की क्रिया पूर्ण होने में घन्टों लग जाते हैं। पुत्री (नवनिर्मित्त) गुणसूत्र में प्रत्येक में एक क्रोमेटिड होता है जो अगले कोशिका विभाजन में द्विगुणित हो जाता है। क्रोमेटिड का द्विगुणन इन्टरफेज की अवस्था में होता है। इंन्टरफेज की अवस्था में क्रोमेटिड का द्विगुणन DNA का निर्माण करता है।

समसूत्री विभाजन का महत्व
(Significance of Mitosis)

1. इस क्रिया में एक कोशिका से दो सन्तति कोशिकाओं का निर्माण होता है।
2. सन्तति कोशाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशा के समान होती है।
3. यह कोशा विभाजन जीवों के वृद्धि भागों में होता है। अतः इसी के फलस्वरूप वृद्धि होती है तथा ऊतकों का निर्माण होता है।
4. सूत्री विभाजन अलैंगिक जनन के लिए आधार प्रदान करता है इस क्रिया में युग्मकों के संयोजन के बिना, एक ही प्राणी से नया प्राणी बनता है।

समसूत्री तथा अर्धसूत्री विभाजन में अन्तर
(Differences between Mitosis and Meiosis Division)

क्र.सं.
(SI.No.)
समसूत्री विभाजन
(Mitosis)
अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis)
1. यह केवल जननीय (reproductive) कोशिकाओं में होता है। यह सभी कायिक (somatic) कोशिकाओं में होता है।
2. सम्पूर्ण विधि केवल एक अनुक्रम द्वारा पूर्ण होती है। यह दो अनुक्रमों द्वारा पूर्ण होती है।
3. इसमें जनक कोशिकाओं से दो संतति  कोशिकाएँ बनती हैं। इसमें जनक कोशिकाओं से चार संतति कोशिकाएँ बनती हैं।
4. संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या समान होती है। संतति कोशिकाओं में जनक कोशिकाओं की अपेक्षा गुणसूत्रों की संख्या आधी रहती है।
5. पूर्वावस्था की अवधि कम होती है। पूर्वावस्था की अवधि लम्बी होती है
6.
विनिमय और क्यिाज्मेटा का निर्माण नहीं होता है।
इसमें गुणसूत्रों का विनियम तथा कियाज्मेटा का निर्माण होता है जिसके अन्तर्गत समजात गुणसूत्रों के अर्धसूत्रों में अदला-बदली होती है।
7.  पश्चावस्था (anaphase) में गुणसूत्रों के गुणसूत्र बिन्दु विभाजित होते हैं तथा अर्धगुण-सूत्र विपरीत ध्रुवों पर एकत्र होते हैं। इस कारण गुणसूत्रों की संख्या संतति कोशिकाओं और जनकीय कोशिका में बराबर होती है। प्रथम पश्चावस्था में गुणसूत्रों के गुणसूत्र बिन्दु का विभाजन नहीं होता। परन्तु युग्मन में स्थित समजात गुणसूत्रों में से प्रत्येक विपरीत ध्रुवों पर जाता है। इस प्रकार से आधे गुणसूत्र समूह में विपरीत ध्रुवों पर तथा बाद में संतति कोशिका में पाये जाते हैं।
8. गुणसूत्रों का पृथक होना, गुणसूत्र बिन्दुओं का विभाजन तथा उनके बीच प्रतिकर्षण के बराबर होता है। समजात गुणसूत्रों का युग्मन से पृथक होना मातृक तथा पैतृक गुणसूत्रों के बीच प्रतिकर्षण है।
9. अंत्यावस्था के परिणामस्वरूप नवनिर्मित केन्द्रक में गुणसूत्र संख्या जनकीय कोशिका के समान होती है। प्रथम अन्त्यावस्था के पश्चात् नवनिर्मित केन्द्रक में गुणसूत्रों की संख्या, जनकीय कोशिका की तुलना में आधी होती है।
10. दूसरे समसूत्री विभाजन का अभाव होता है। द्वितीय अर्धसूत्री विभाजन और सूत्री विभाजन लगभग एक समान होते हैं।
11. विभाजन के फलस्वरूप दो संतति कोशिकाएँ बनती हैं। विभाजन के फलस्वरूप चार संतति कोशिकाएँ बनती हैं।
12. जनकीय कोशिका तथा संतति कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या तथा रसायनिक संघटन में कोई अन्तर नहीं होता है। संतति कोशिका में जनकीय कोशिका की तुलना में गुणसूत्रों की संख्या आधी रहती है।
13. कोशिकाद्रव्य विभाजन, प्रत्येक सूत्री विभाजन के अन्त में आवश्यक है। कोशिकाद्रव्य का विभाजन, अर्धसूत्री विभाजन के अन्त्यावस्था प्रथम में होना आवश्यक नहीं है।
14. गुणसूत्र केवल एक बार विभाजित होते हैं। गुणसूत्र एक बार तथा केन्द्रक दो बार विभाजित होते हैं।
15. यह आद्य प्रकार का होता है। यह उन्नत प्रकार का होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- कोशा कला की सूक्ष्म संरचना जानने के लिए सिंगर और निकोल्सन की तरल मोजैक विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- कोशिका सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? प्राणि कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए तथा पाँच कोशिका उपांगों के मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- निम्नलिखित वैज्ञानिकों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए - (i) एन्टोनी वान ल्यूवेन हॉक (ii) श्लीडेन तथा श्वान्स
  4. प्रश्न- अन्तरकोशिकीय संचार या कोशिका कोशिका अन्तर्क्रिया पर टिप्पणी लिखिए।
  5. प्रश्न- कोशिका-एडहेसन का वर्णन कीजिए।
  6. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए - (i) माइक्रोट्यूब्ल्स (ii) माइक्रोफिलामेन्टस (iii) इन्टरमीडिएट फिलामेन्ट
  7. प्रश्न- माइटोकॉण्ड्रिया की संरचना व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  8. प्रश्न- एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की संरचना तथा कार्यों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  9. प्रश्न- राइबोसोम की संरचना एवं कार्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- परऑक्सीसोम पर टिप्पणी लिखिए।
  11. प्रश्न- वेंकटरमन रामाकृष्णन पर टिप्पणी लिखिए।
  12. प्रश्न- बाह्य प्रोटीन और समाकल प्रोटीन कोशिका कला की पारगम्यता को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
  13. प्रश्न- हरितलवक और माइटोकॉण्ड्रिया में मिलने वाले समान लक्षणों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- परॉक्सीसोम किन कोशिकांगों के साथ मिलकर प्रकाशीय श्वसन (फोटोरेस्पिरेशन) की क्रिया सम्पन्न करता है? प्रकाशीय श्वसन के जैविक कार्यों की समीक्षा प्रस्तुत कीजिए।
  15. प्रश्न- केन्द्रक की संरचना का चित्र सहित वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- उपयुक्त आरेखों के साथ गुणसूत्र आकारिकी व परासंरचना का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- “गुणसूत्रों की विशेष किस्में” विषय पर एक निबन्ध लिखिए।
  18. प्रश्न- न्यूक्लिक अम्ल क्या होते हैं? डी.एन.ए. की संरचना तथा प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- वाट्सन तथा क्रिक के द्वारा प्रस्तुत डी. एन. ए. की संरचना का वर्णन कीजिए तथा डी. एन. ए. के विभिन्न प्रकार बताइए।
  20. प्रश्न- राइबोन्यूक्लिक अम्लों की रचना का वर्णन कीजिए तथा इसके जैविक एवं जैव-रासायनिक महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- मेसेल्सन एवं स्टेहल के उस प्रयोग का वर्णन कीजिए जो अर्द्ध-संरक्षी डी. एन. ए. पुनरावृत्ति को प्रदर्शित करता है।
  22. प्रश्न- जेनेटिक कोड पर टिप्पणी लिखिए।
  23. प्रश्न- गुणसूत्रों की रचना एवं प्रकार का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- न्यूक्लिओसोम का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- सहलग्नता क्या है? उचित उदाहरण देते हुए इसके महत्त्व की चर्चा कीजिए।
  26. प्रश्न- क्रॉसिंग ओवर को उदाहरण सहित समझाइए तथा इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- सेण्ट्रोसोम की परिभाषा लिखिए।
  28. प्रश्न- क्रोमेटिन के प्रकारों को बताते हुए हेटेरोक्रोमेटिन को विस्तार से समझाइये।
  29. प्रश्न- किसी एक प्रायोगिक साक्ष्य द्वारा सिद्ध कीजिये कि डी.एन.ए. ही आनुवांशिक तत्व है।
  30. प्रश्न- गुणसूत्र पर पाये जाने वाले विभिन्न अभिरंजन और पट्टिका प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- B गुणसूत्र का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- डी.एन.ए. और आर.एन.ए. में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  33. प्रश्न- RNA कौन-सा आनुवंशिक कार्य DNA की तरह पूरा करता है?
  34. प्रश्न- नीरेनबर्ग तथा एच.जी.खोराना के योगदान का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- क्या RNA का एक स्ट्रेण्ड दूसरा स्ट्रेण्ड संश्लेषित कर सकता है?
  36. प्रश्न- DNA की संरचना फॉस्फोरिक एसिड, पेन्टोज शर्करा तथा नत्रजन क्षार से होती है। इसके वस्तुतः आनुवंशिक तत्व कौन से हैं?
  37. प्रश्न- वाटसन एण्ड क्रिक पर टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- DNA की पुनरावृत्ति में सहायक एन्जाइमों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- कोशिका चक्र से आप क्या समझते हैं? इण्टरफेज में पायी जाने वाली कोशिका चक्र की विभिन्न प्रावस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- समसूत्री कोशिका विभाजन का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए तथा समसूत्री के महत्व पर एक टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन का सविस्तार वर्णन कीजिए तथा इसके महत्व का उल्लेख कीजिए।
  42. प्रश्न- समसूत्री तथा अर्धसूत्री विभाजन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- एक संकर संकरण क्या है? कम से कम दो उदाहरणों को बताइए।
  44. प्रश्न- स्वतन्त्र अपव्यूहन के नियम को समझाइए।
  45. प्रश्न- एक उपयुक्त उदाहरण देते हुए अपूर्ण प्रभाविकता पर एक टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- जन्तुओं में लिंग निर्धारण की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- मानव में लिंग निर्धारण कैसे होता है?
  48. प्रश्न- लिंग निर्धारण में प्राकृतिक कारकों के प्रभाव का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- वंशानुगत तथा आनुवंशिकी में अन्तर बताइए।
  50. प्रश्न- आनुवंशिकी का जनक किसको वस्तुतः कहा जाता है?
  51. प्रश्न- समप्रभाविता की वंशागति को समझाइए।
  52. प्रश्न- “समलक्षणी जीवों की जीनी संरचना भिन्न हो सकती है। यह कथन सही है अथवा गलत? क्यों?
  53. प्रश्न- ग्रीगर जॉन मेण्डल के योगदान को रेखांकित कीजिए।
  54. प्रश्न- कौन-सा कोशिका विभाजन गैमीट पैदा करता है?
  55. प्रश्न- स्यूडोडोमिनेंस पर टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- टेस्ट क्रॉस एवं बैक क्रॉस में अन्तर बताइए।
  57. प्रश्न- टेस्ट क्रॉस तथा बैक क्रॉस को समझाइए।
  58. प्रश्न- मानव में बार बॉडी के महत्व को समझाइये।
  59. प्रश्न- लिंग प्रभावित वंशागति एवं लिंग सीमित वंशागति में अन्तर बताइए।
  60. प्रश्न- लिंग सहलग्न, लिंग प्रभावित और लिंग सीमाबद्धित लक्षणों के बीच सोदाहरण विभेदकीजिए।
  61. प्रश्न- मेरी एफ. लिओन की परिकल्पना समझाइए।
  62. प्रश्न- कारण स्पष्ट कीजिए कि नर मधुमक्खी में शुक्राणुओं का निर्माण समसूत्री विभाजन द्वारा क्यों होता है?
  63. प्रश्न- ZW टाइप लिंग निर्धारण पर टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- पक्षियों में लिंग निर्धारण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- स्तनधारी मादा की शुरूआती अवस्था में कौन-सा X क्रोमोसोम हेट्रोक्रोमेटाइज हो जाता है, माता का या पिता का?
  66. प्रश्न- मल्टीपिल ऐलीलिज्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  67. प्रश्न- Rh-तत्व क्या है? इसके महत्व एवं वंशागति का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- जीन की अन्योन्य क्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरणों की सहायता से जीन की अन्योन्य क्रिया की विधि का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सहलग्नता क्या है? उचित उदाहरण देते हुए इसके महत्त्व की चर्चा कीजिए।
  70. प्रश्न- क्रॉसिंग ओवर को उदाहरण सहित समझाइए तथा इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- एक स्त्री का रक्त समूह 'AB' व उसके बच्चे का रक्त समूह '0' है। कारण सहित स्पष्ट कीजिए कि उस बच्चे के पिता का रक्त समूह क्या होगा?
  72. प्रश्न- एक Rh + स्त्री, Rh पुरुष से शादी करती है। इनकी संतति में एरेथ्रोब्लास्टोसिस की क्या सम्भावना है?
  73. प्रश्न- लैंडस्टीनर के योगदान का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- रक्त समूह को समझाइए।
  75. प्रश्न- जिनोम को परिभाषित कीजिए।
  76. प्रश्न- 'गृह व्यवस्थापक जीन' या 'रचनात्मक जीन' के बारे में बताइये।
  77. प्रश्न- प्रभावी तथा एपीस्टेटिक जीन में क्या अन्तर है?
  78. प्रश्न- लीथल जीन्स पर टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- पूरक जीन क्रिया को परिभाषित कीजिए।
  80. प्रश्न- गुणसूत्र पर पाये जाने वाले विभिन्न अभिरंजन और पट्टिका प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- हेट्रोक्रोमेटिन और उसके लक्षण पर टिप्पणी लिखिए।
  82. प्रश्न- क्रासिंग ओवर उद्विकास की प्रक्रिया है। स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- लिंकेज ग्रुप पर टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- सामान्य मानव कैरियोटाइप का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- गुणसूत्रीय विपथन पर एक निबन्ध लिखिए।
  86. प्रश्न- असुगुणिता किसे कहते हैं? विभिन्न प्रकार की असुगुणिताओं का वर्णन कीजिए तथा इनकी उत्पत्ति के स्रोत बताइए।
  87. प्रश्न- लिंग सहलग्न वंशागति से आप क्या समझते हैं? मनुष्य या ड्रोसोफिला के सन्दर्भ में इस परिघटना का उदाहरणों सहित विवेचन कीजिए।
  88. प्रश्न- क्लाइनफिल्टर सिंड्रोम कार्यिकी अथवा गुणसूत्र के असामान्य स्थिति का परिणाम है। स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- मंगोलिज्म या डाउन सिन्ड्रोम क्या है?
  90. प्रश्न- टर्नर सिन्ड्रोम उत्पन्न होने के कारण एवं उनके लक्षण लिखिए।
  91. प्रश्न- समक्षार उत्परिवर्तन पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- अनुप्रस्थ विस्थापन पर टिप्पणी लिखिए।
  93. प्रश्न- पोजीशन एफेक्ट क्या है? उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- लिंग सहलग्नता प्रक्रिया को समसूत्री नर व समसूत्री मादा में स्पष्ट कीजिए।
  95. प्रश्न- वर्णान्ध व्यक्ति रेलवे ड्राइवर क्यों नहीं नियुक्त किये जाते हैं?
  96. प्रश्न- मानव वंशागति के अध्ययन में क्या मुख्य कठिनाइयाँ हैं?
  97. प्रश्न- संक्रामक जीनों से आप क्या समझते हैं?
  98. प्रश्न- वंशावली विश्लेषण पर टिप्पणी लिखिए।
  99. प्रश्न- लिंग सहलग्न वंशागति के प्रारूप का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- अफ्रीकी निद्रा रोगजनक परजीवी की संरचना एवं जीवन चक्र का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- वुचरेरिया बैन्क्रोफ्टाई के वितरण, स्वभाव, आवास तथा जीवन चक्र का वर्णन कीजिए।
  102. प्रश्न- जिआर्डिया पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  103. प्रश्न- एण्टअमीबा हिस्टोलायटिका की संरचना, जीवन-चक्र, रोगजन्यता एवं नियंत्रण का वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- अफ्रीकी निद्रा रोग क्या है? यह कैसे होता है? इसके संचरण एवं रोगजनन को समझाइए। इस रोग के नियंत्रण के उपाय बताइए।
  105. प्रश्न- फाइलेरिया क्या है? इसके रोगजनकता एवं लक्षणों तथा निदान का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जिआर्डिया के प्रजनन एवं संक्रमित रोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- जिआर्डिया में प्रजनन पर टिप्पणी लिखिए।
  108. प्रश्न- जिआर्डिया पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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